बच्चों ने मिलकर किया, बूँदों का घेराव।
चली सुहानी सैर को, लो कागज़ की नाव।
लो कागज की नाव, संग गूँजी किलकारी
जल थल हुए समान, खिल उठी धरती सारी।
मौसम का उल्लास, छा गया सबके दिल पर
बूँदों का घेराव, किया बच्चों ने मिलकर।
पहली बारिश दे गई, तन मन को आनंद।
चाय पकौड़ी साथ में, शाम हो गई छंद।
शाम हो गई छंद, गीत रातों ने गाया।
बूँदों ने भरपूर, मेघ मल्हार सुनाया।
सूरज अंतर्ध्यान, फिज़ाएँ हुईं रुपहली
तन मन को आनंद दे गई बारिश पहली।
-कल्पना रामानी
1 comment:
बच्चों ने मिलकर किया, बूंदों का घेराव/चली सुहानी सैर को, लो कागज़ की नाव...... बहुत खूब ........ बहुत बहुत बधाई कल्पना जी
Post a Comment