माया जोड़ें क्यों भला, यदि है पूत सपूत।
जोड़ी वो किस काम की, है यदि पूत कपूत।
है यदि पूत कपूत, कुकर्मों में खो देगा।
होगा अगर सपूत, सुकर्मों से जोड़ेगा।
कहे कल्पना साँच, ईश पर सब कुछ छोड़ें।
कैसा भी हो पूत, किसलिए माया जोड़ें।
सुफलित होती प्रार्थना, जब मन हो शुभराह।
ईश विनय के मंत्र से, होते सफल उपाय।
होते सफल उपाय, सुलझती स्वयं उलझनें।
कर्म रेखियाँ आप, साधतीं सभी अड़चनें।
होवें कभी न आप, किसी भी दुख में विचलित।
मन में हों शुभ भाव, प्रार्थना होती सुफलित।
-कल्पना रामानी
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